प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 फरवरी 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की 300 मेगावॉट की नोखरा सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे। राजस्थान के बीकानेर जिले में 1,550 एकड़ में फैली यह परियोजना 1,803 करोड़ रुपये के निवेश के साथ सीपीएसयू योजना (चरण- II) के तहत क्रियान्वित की जा रही है। इससे तेलंगाना राज्य को हरित ऊर्जा सुनिश्चित किया जाना है। प्रति वर्ष 730 मिलियन यूनिट के उत्पादन के साथ यह परियोजना न केवल 1.3 लाख से अधिक घरों को रोशन करेगी, बल्कि हर साल 6 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन को सीमित करने में भी मदद करेगी। आगे चलकर इस परियोजना की मदद से 25 वर्षों की अवधि में सीओ2 उत्सर्जन को 15 मिलियन टन तक सीमित करने की उम्मीद है। सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इस परियोजना में 13 लाख से अधिक सौर पीवी मॉड्यूल स्थापित किए गए हैं। इससे भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूती मिली है। एनटीपीसी सक्रिय रूप से अपने पोर्टफोलियो में अधिक से अधिक स्वच्छ ऊर्जा को शामिल करके 'न्यायोचित परिवर्तन' कर रहा है। यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य में योगदान मिलेगा।
एनजीईएल एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और इसका लक्ष्य एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा का ध्वजवाहक बनना है। इसकी परिचालन ग्रीन एनर्जी कैपिसिटी 3.4 गीगावॉट से अधिक है और 26 गीगावॉट प्रक्रिया में है, जिसमें 7 गीगावॉट का परिचालन शुरू होने वाला है। एनटीपीसी लिमिटेड 74 गीगावॉट क्षमता वाली भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली ईकाई है जो भारत में उत्पादित कुल बिजली का 25% योगदान देती है। 2032 तक एनटीपीसी अपनी गैर-जीवाश्म-आधारित बिजली क्षमता को कंपनी के पोर्टफोलियो के 45%-50% तक विस्तार देना चाहता है। इसमें 130 गीगावॉट के कुल पोर्टफोलियो के साथ 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता शामिल होगी। एनटीपीसी ने भारत के नेट जीरो प्रयासों को मजबूती देने के लिए नीति आयोग के साथ साझेदारी की है।